आसमान पर मेरी नज़र...
आसमान पर मेरी नज़र...
छु रही मुझे जमीन की तड़पती सांसें
आख़िर कब होगी...आख़िर कब होगी पेहेली पुआर
आसमान पर मेरी नज़र...
छु रही मुझे मौजोंकी खामोश रवानी
आख़िर कब निकलेगा...आख़िर कब निकलेगा हसीन चाँद
आसमान पर मेरी नज़र...
छु रही मुझे क्वास-ऐ-कुझाकी अधूरी ख्वाँईश
आख़िर कब होगा...आख़िर कब होगा खुदाई का दीदार
है आसमान पर आशियाना मेरा, फ़िर भी...
आसमान पर मेरी नज़र...
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