अजीब है दस्तूर मुहब्बत का...
अजीब है दस्तूर मुहब्बत का
दिल में बसी...यादें है उनकी
धडकनों पर हरदम...पेहरा है उनका
आँखो में सजी...तस्वीर है उनकी
नस-नस में बसा...प्यार है उनका
इस पर भी जुलुम ढाएँ, सनम
हमसे वो उल्फत की सनद मांगते है
दिल में बसी...यादें है उनकी
धडकनों पर हरदम...पेहरा है उनका
आँखो में सजी...तस्वीर है उनकी
नस-नस में बसा...प्यार है उनका
इस पर भी जुलुम ढाएँ, सनम
हमसे वो उल्फत की सनद मांगते है
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