हम तुम्हारे लिए...

हम तुम्हारे लिए...आसमान बना किए
सितारा समझकर आप को आँखों में बसा लिए

हम तुम्हारे लिए...गुलशन बना किए
फूलोंकी खुशबुसे हरदम तुमको मेहेका किए

हम तुम्हारे लिए...शीशा बना किए
आपके अक्स को दिल में उतारा किए

हम तुम्हारे लिए...चंदन बना किए
खुदको मिटाया तभी तुझको शीतल किए

हम तुम्हारे लिए...कब्र में भी जिए
शायद इंतज़ार करोगी तुम कभी हमारे लिए

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