मेरे लिए क्या हो तुम...

मेरी इन आँखों में मेहेकता ख़्वाब हो तुम
जिसे देख कर सुरूर आ जाए ऐसा नशा हो तुम

होश खो बैठे है तुम्हारी याद में इस कदर
मेरे बीमार-ऐ-दिल की दवा बस तुम्ही हो तुम

मिलने कोई सूरत बताओ अब जान पे बन आयी है
दिल से निकल रही तडपती अनबुझी आतिष हो तुम

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