मेरी याद आये तो...

मेरी याद आये तो...और सवेरेका का तर्रन्नुम हो
इसी बहाने अपनी चाहत का तुम रोज इकरार करना

मेरी याद आये तो...और दोपहार की धुप हो
इसी बहाने धानी चुनर ओढ़कर घूँघट में सिमट जाना

मेरी याद आये तो...और शाम की तनहाई हो
इसी बहाने दो आँसू बहाकर मायूसी जाताना

मेरी याद आये तो...और रात की अंगडाई हो
इसी बहाने मेरे ख्वाबो में आकर मुजको सताना

मेरी याद आये तो...और मुझे सामने पाओ तो
इसी बहाने मेरी जान मुजको गलेसे लगाना

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